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《七律.无题》 |
发表于 2017-7-6 13:33:14
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发表于 2017-7-6 15:09:53
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发表于 2017-7-6 15:52:32
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发表于 2017-7-6 22:46:42
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发表于 2017-7-6 22:56:37
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发表于 2017-7-7 01:42:29
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发表于 2017-7-7 14:34:14
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发表于 2017-7-7 15:31:56
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发表于 2017-7-7 17:54:37
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溪水绕篷庐,玉牖环青竹。篱外百灵啼,岭上黄蜂逐。 野菊作清茶,前路何需卜。闲赋几行诗,留给秋风读。
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发表于 2017-7-7 17:54:44
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溪水绕篷庐,玉牖环青竹。篱外百灵啼,岭上黄蜂逐。 野菊作清茶,前路何需卜。闲赋几行诗,留给秋风读。
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发表于 2017-7-8 09:08:48
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