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忆东坡 风筝 |
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发表于 2017-5-7 06:19:53
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发表于 2017-5-7 14:24:26
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发表于 2017-5-8 06:17:52
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发表于 2017-5-9 06:18:44
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发表于 2017-5-10 05:42:19
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发表于 2017-5-11 05:57:38
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发表于 2017-5-12 05:40:10
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发表于 2017-5-13 06:02:28
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发表于 2017-5-16 09:24:51
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经斧刻,历沙埋,扶冰踏浪展襟怀。何须人悦铮铮骨,且自临波顾影来。
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发表于 2017-5-17 06:28:17
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发表于 2017-5-17 10:20:09
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经斧刻,历沙埋,扶冰踏浪展襟怀。何须人悦铮铮骨,且自临波顾影来。
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