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七律 秋桂 |
发表于 2014-9-28 19:34:19
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发表于 2014-9-28 21:40:39
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非非是是乱人魂,子夜流星茫路奔。若水思潮催梦远,云睁醉眼看乾坤。
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发表于 2014-9-28 22:08:03
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