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垂丝钓 |
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浊世一俗人,风雨踉跄走。种下凡根孕笃芽,亦把痴艰守。
嬉戏淡浮名,厌倦红尘陋。醉赋歪诗甄拙词,放浪疏狂久。 |
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发表于 2016-10-7 20:19:14
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发表于 2016-10-7 20:19:21
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发表于 2016-10-7 21:12:40
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