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望春(回文) |
发表于 2014-8-13 07:31:55
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漫将心思付朝昏,扪腹而歌醉白云。 浊眼寻常颠倒步,何能一啸屈家吟。
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发表于 2014-8-13 08:27:59
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有死法,不可無活詩。但有活潑潑的詩,法于我何有哉。
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发表于 2014-8-13 18:53:02
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