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七律.知青岁月 |
发表于 2015-7-9 10:57:27
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经斧刻,历沙埋,扶冰踏浪展襟怀。何须人悦铮铮骨,且自临波顾影来。
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发表于 2015-7-9 13:24:00
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发表于 2015-7-9 17:04:51
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发表于 2015-7-11 05:45:57
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发表于 2015-7-12 14:40:59
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发表于 2015-7-12 23:11:19
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发表于 2015-7-13 09:29:18
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发表于 2015-7-13 09:31:24
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发表于 2015-7-13 16:56:33
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